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Ho Gai Bhor Suhani - हो गई भोर सुहानी - Bundeli Shayari

Ho Gai Bhor Suhani - हो गई भोर सुहानी - Bundeli Shayari


काय परी अलसानी, ओ बिन्ना हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना मूंड पे डारे चदरा- पटका कसर-मसर तोड़त हो पलका उठ बैठो महरानी, ओ बिन्ना हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना उठ के कारज रोज के कर ल्यौ भगवन की छवि ध्यान में धर ल्यौ भूल के बात पुरानी, ओ बिन्नाना हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना भारत देस हमारो प्यारो योगासन है सबसे न्यारो दुनिया जाकी दिवानी, ओ बिन्ना हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना काया के सब रोग मिटा ल्यौ योग करन की लगन लगा ल्यौ छोड़ो अब मनमानी, ओ बिन्ना हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना

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